बधाई एवं शुभकामनाओं से सराबोर रहा महा आयोजन
भाटापारा/khabar-bhatapara.in:- संघर्ष की शिला पर नित नयी चुनौतियों को अंगीकार करते हुए सदैव सक्रिय एवं सतत संवेदना से जुड़े व्यक्तित्व सुशील शर्मा की नवीन उपलब्धि पर समूचा सरयूपारी ब्राम्हण समाज गौरवान्वित महसूस कर रहा है,जिसकी अभिव्यक्ति सम्मान समारोह के महा आयोजन में स्पष्ट रुप से परिलक्षित हुई, तथा प्रदेश की बड़ी कृषि उपज मंडी भाटापारा के अध्यक्ष पद का दायित्व उन्हे प्रदान किये जाने पर समाज द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में सुशील शर्मा के आयोजन स्थल पर पंहुचते ही ढोल नंगाड़ो तथा आतिशबाजी सहित पुष्पवर्षा से उनका भव्य स्वागत किया गया।
दीप प्रज्वलन स्वस्ति वाचन
पीठ परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आचार्य झम्मन शास्त्री सहित समाज के वरिष्ठ जनों की उपस्थिति में आयोजित सम्मान समारोह का शुभारंभ दीप प्रज्वलन, तुलसीदास जी,भगवान राम एवं माँ सरस्वती की प्रतिमा में माल्यार्पण तथा पंडितजनों द्वारा स्वस्तिवाचन एवं शंखनाद से हुआ,जिससे समूचा वातावरण भव्य धार्मिक अनुष्ठान के रुप में परिणित हो गया,
खुमरी धान कटोरा एवं अन्य परंपरागत उपहार
कविता शर्मा एवं उषा मिश्रा के सुमधुर एवं सफल संचालन में आयोजित इस महाआयोजन में सम्मान की प्रथम कड़ी के रुप में आचार्य झम्मन शास्त्री सहित समाज के वरिष्ठ जनों जिनमें आर एस गौरहा, कन्हैया धर दीवान, मुरीत तिवारी, आई पी शर्मा, सोहन लाल तिवारी द्वारा सुशील शर्मा का सम्मान किया गया,उसके उपरांत सरयू साहित्य परिषद के प्रमुख गौरीशंकर शर्मा द्वारा सुशील शर्मा को खुमरी भेंट कर अपनी स्नेह आशीष अर्पित की गयी, समाज के संरक्षक विरेन्द्र शर्मा द्वारा सुपा में निधि शर्मा द्वारा फाईन आर्ट पद्धति से बनायी गयी आकर्षक कलाकृति भेंट की गयी। महिला प्रकोष्ठ द्वारा धान का कटोरा भेंट कर सुशील शर्मा को अपनी बधाई एवं शुभकामनाएं दी गयी।
संघर्ष की यात्रा का विमोचन
स्नेह एवं आशीष से सराबोर इस महाआयोजन में इसकी झलकियां भी विविध माध्यमों से आयोजन में दिखाई दे रही थी, जिसकी बानगी महिला प्रकोष्ठ द्वारा सुशील शर्मा के सार्वजनिक जीवन यात्रा को संकलन बद्ध करनें के रुप में भी दिखाई दी, उक्त संघर्ष यात्रा पटल का विमोचन सुशील शर्मा के करकमलों से किया गया, तथा संघर्ष यात्रा पटल का वाचन मुकेश शर्मा द्वारा किया गया। आयोजन का एक उल्लेखनीय पहलू यह भी रहा कि बच्चों से बीच बीच मे रामायण से जुड़े प्रश्न भी पूछे गये एवं सही जवाब देनें वालों को पुरस्कार भी प्रदान किया गया।
अतिथियों का आशीष उदबोधन
सम्मान समारोह की अविराम चलती गतिविधि अब आशीष उदबोधन के पड़ाव पर पंहुची ,जिसके तहत सर्वप्रथम आचार्य झम्मन शास्त्री द्वारा सुशील शर्मा को शुभकामनाएं अर्पित की गयी एवं उनके उत्तरोत्तर प्रगति की कामना की गयी, समाज के संरक्षक नरेन्द्र शर्मा सहित समाज के वरिष्ठ जिनमें आई पी शर्मा,कन्हैया धर दीवान,आर एस शर्मा, सोहन लाल तिवारी द्वारा भी सुशील शर्मा को आशीष एवं शुभकामनाएं अर्पित की गयी, इसी कड़ी में भावुक कर देनें वाला वह क्षण भी आया जब सुशील शर्मा की वयोवृद्ध माता जी द्वारा आयोजन स्थल में अपनी उपस्थिति प्रदान की गयी और अपने पुत्र को प्रगति की शुभकामनाएं दी गयी, सुशील शर्मा द्वारा प्रथम गुरु माता के तहत माँ का पूजन किया गया, तथा अपने उदबोधन मे सुशील शर्मा द्वारा समाज के लिए सदैव अग्रसर रहने के अपनें संकल्प को दोहराया गया साथ ही साथ उन्होने अपने समक्ष आने वाले चुनौतियों एवं उससे जूझने के इरादे को भी काव्य के माध्यम से प्रस्तुत किया जिसके तहत उन्होंने कहा तेज सूर्य के प्रखर ताप से चमगादड़ उल्लू छिपते हैं, खग कुल के कृंदन वंदना से,किरण बाण कब रुकतें है। इस भव्य महा आयोजन में समस्त जनों द्वारा उत्साह पूर्ण भागीदारी निभाई गयी, आभार प्रदर्शन समाज के उपाध्यक्ष राज दीपक पाण्डेय द्वारा किया गया।
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