November 21, 2024

KHABAR BHATAPARA

छत्तीसगढ़ सबसे तेज-सबसे आगे

घर -घर जाकर खोजे जा रहे मलेरिया,टी बी,मोतियाबिंद और स्केबीज के मरीज

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बलौदाबाजार/khabar-bhatapara.in:- राज्य शासन के निर्देश पर इस समय पूरे प्रदेश सहित जिले में भी स्वास्थ विभाग द्वारा घर घर पहुँचकर मलेरिया,टीबी, मोतियाबिंद और स्केबीज बीमारियों की पहचान कर उपचार अभियान जारी है। इस संबंध में जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एमपी महिस्वर ने बताया कि राज्य शासन द्वारा प्राप्त निर्देश के अनुरूप जिले के मलेरिया प्रभावित 51 गांव को अभियान में शामिल किया गया है। इसमें विकासखंड बिलाईगढ़ के 10,कसडोल के 32,बलौदाबाजार के 4 और पलारी के 5 गाँव सम्मिलित हैं। अभियान के दौरान उक्त गाँवों में मितानिन सहित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा घर -घर जाकर घर के सभी सदस्यों का रैपिड टेस्ट से मलेरिया जांच की जा रही है। मलेरिया धनात्मक पाए जाने पर रोगियों का पूर्ण उपचार तथा फॉलो अप किया जा रहा है। इन गतिविधियों के साथ साथ मलेरिया से बचाव हेतु प्रचार-प्रसार एवं मच्छर पनपने के स्रोत भी नष्ट किये जा रहे हैं।इसके साथ ही घरों में टीबी, मोतियाबिंद और स्केबीज रोग की भी स्क्रीनिंग की जा रही है।
सीएमएचओ ने आगे बताया की पूर्व में राज्य शासन के निर्देश पर जिले के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के समस्त आबादी का टीबी सर्वे पहले से ही ज़ारी है। 25 मई से जारी टी बी सर्वे में अब तक 831 सन्देहास्पद में से 65 टीबी मरीज प्राप्त हुए हैं। जिनकी दवाई शुरू की गई है। इसके साथ ही 51 गाँवों में मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के तहत उन गांवों में पुनः टीबी का सर्वे किया जा रहा है। 24 जून से शुरू किए गए इस अभियान की शुरुआत कसडोल के ग्राम नारायणपुर से की गई। इस अवसर पर सरपंच सीता निषाद द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया | जिला मलेरिया अधिकारी डॉ अभिजीत बैनर्जी,खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ ए एस चौहान, राज्य वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम सलाहकार सुश्री स्निग्धा पट्टनायक, जिला कार्यक्रम प्रबंधक अनुपमा तिवारी,प्रभारी जिला सलाहकार मलेरिया सरोजिनी साहू उपस्थित रहे।


जिले में गत वर्ष 1178 टीबी,167 मलेरिया के मरीज मिले थे वहीं इस वर्ष अब तक टीबी के 625 और मलेरिया के 6 मरीज प्राप्त हो चुके हैं जबकि मोतियाबिंद के 979 मरीज चिन्हित किये गए थे जिसमें से 781 लोगों का सफलतापूर्वक आपरेशन किया जा चुका हैं। शेष का प्रक्रियाधीन है। डॉ महिस्वर के अनुसार प्रदेश से 2023 तक टीबी रोग के उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है इसी प्रकार भारत शासन ने वर्ष 2027 तक मलेरिया के स्थानीय प्रकरण शून्य करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। दो हफ्ते से अधिक अवधि की खांसी,वजन में कमी ,छाती में दर्द ,भूख ना लगना ,बलगम के साथ खून आना ल,बच्चों में वजन का न बढ़ना,शाम को हल्का बुखार पसीना के साथ आना यह टीबी के लक्षण होते हैं । मलेरिया के प्रकरण में बुखार, मितली, सरदर्द ,पेट में दर्द , कपकपी, पतला दस्त आदि लक्षण पाए जाते है | स्केबीज मुख्यत: बच्चों में पाया जाने वाला रोग है जिसमें चमड़ी में खुजली,चकत्ते,घाव ,मोटी परत हो जाती है जबकि मोतियाबिंद होने से व्यक्ति को देखने में कठिनाई होती है , जिसके कारण दैनिक कार्य करने में परेशानी होती है ।
इस अभियान का मुख्य उददेश्य यह है कि,मलेरिया के लक्षण रहित प्रकरणों की पहचान कर उन व्यक्तियों का पूर्ण उपचार सुनिश्चित किया जाना, जिससे उनके शरीर से मलेरिया परजीवी को समूल नष्ट कर मलेरिया संक्रमण को रोका जा सकता है। संदेहास्पद टी.बी रोगी पाए जाने पर नमूना जाँच कर , पॉजिटिव रोगियों का उपचार सुनिश्चित करना,संदेहास्पद मोतियाबिंद प्रकरणों का ऑपरेशन किया जाना तथा स्केबिज संदेहास्पद मरीजों का जाँच एवं उपचार किया जाना है।

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