भाटापारा/khabar-bhatapara.in:- 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर गोंडी धर्म संस्कृति संरक्षण समिति एवं छत्तीसगढ़ गोडवाना महासंघ के संयुक्त तत्वावधान मे छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिला तथा मध्यप्रदेश उड़िसा मे समिति पदाधिकारी एवं सदस्यों द्वारा प्रकृति की पुजारी होने के नाते पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से वृहद वृक्षारोपण किया गया।
गोंडी धर्म संस्कृति संरक्षण समिति प्रति वर्ष परमश्रद्धेय गुरूदेव तथा गुरूमाता के सानिध्य और आशीर्वाद से प्रकृति को संरक्षित करने ,वातावरण को स्वच्छ और शुद्ध रखने ,औषधि आदि सभी को ध्यान रखते सर्व जीव जगत के कल्याण तथा पृथ्वी मे बढ़ती ताप को संयंमित रखने संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित तथा कथनानुसार कि ग्लोबल वार्मिंग को बचाना है तो प्रकृति और पर्यावरण को बचाना और पुनः आदिवासी संस्कृति की रीति रिवाज की ओर पुनः जाने संबंधी विचार के तहत हमारे समिति द्वारा वृक्षारोपण किया जाता है।वृक्षारोपण करते जांयेंगे पर्यावरण को बचायेंगे इस उद्देश्य से किया जाता है।
प्रकृति से ही जीवन संभव है।आज जंगल काटे जा रहें हैं।विनाश की ओर जा रहा है।अतःविकास ही विनाश का कारण बनते जा रहा है।जगह जगह कंपनियों के कारण जंगल को नष्ट किया जा रहा है।लोग और शासन प्रशासन ये नहीं समझ पा रहे हैं।आज प्राकृतिक विपदा, असमय वर्षा,अधिक वर्षा क्यो हो रहा है, अकाल क्यों पड़ता है।अधिक गर्मी क्यों पड़ती है,अधिक वर्षा क्यों होता है।पर्यावरण प्रदुषित क्यों हो रहा है।इस पर शासन प्रशासन को ध्यान देने की आवश्यकता हैं।
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