भाटापारा/khabar-bhatapara.in:- देवउठनी एकादशी पर्व को लेकर भाटापारा शहर व ग्रामीण अंचल में 4 नवंबर को भगवान ईसरदेव व माता गौरा की विवाह बडी धूमधाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर गोंड समाज में शादी ब्याह के पुरानी परंपरानुसार ईसर देव व गौरा माता की प्रतिमाओं को सजाकर श्रद्धापूर्वक पूरी विधि विधान के साथ श्रद्धालुओंगण पूजा-अर्चना की गई साथ ही ईसरदेव व गौरा माता को ससुराल के लिए महिलाओं ने विदाई दी गई। वहीं ईसरदेव व गौरा माता की विवाह में बैन्ड बाजे गाजे के साथ श्रद्धालुओं ने जमकर थिरकते रहे। इसी प्रकार भगवान ईसरदेव व गौरा माता का निगम मंडल के सदस्य नगर के विभिन्न वार्डों के गौरा चौरा में जाकर पूजा अर्चना कर साथ विधिवत् पूजा अर्चना की।
विदित हो कि देवउठनी एकादशी पर्व पर नगर के विभिन्न वार्डों में स्थापित गौरा गौरी मूर्ति विसर्जन नगर के प्रमुख मार्ग फव्वारा चौक होते हुए स्थानीय कल्याण सागर तालाब में पूजा अर्चना कर विसर्जन किया गया। नगर के सभी व मोहल्लवासी काफी संख्या में शामिल रहे।
नयापारा वार्ड में देवउठनी एकादशी पर गौरी गौरा के प्रमुख
बजरंग ध्रुव ने बताया कि बुधवार को सुबह विशेष जगह से गौरा गौरी की माटी लाया गया। वहीं बुधवार की रात्रिकालीन में ईसरदेव व गौरा माता की प्रतिमा बनाई गई इसके बाद ईसरदेव व गौरा माता को अलग अगल स्थान में बनाया गया। देर रात्रि तक मूर्ति बनाई गई थी। इसके पश्चात ईसरदेव भोलेनाथ की बारात के लिए प्रस्थान की गई। वहीं कन्या की ओर से बारातियों को पुष्पहार से स्वागत किया। साथ ही मिष्ठान भी दी गई। वहीं देर रात तक बेैंड बाजे के साथ नृत्य भी किये गए।
इस अवसर पर मोहल्लेवासियों ने जमकर वाहवाही लुटी गई। इसी प्रकार ईसरदेव व गौरा माता की शादी में टिकावन को विधिवत कराकर संपन्न किये गए।
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