बलौदाबाजार/khabar-bhatapara.in:- वर्ष 2025 तक पूरे भारत से टीबी रोग का उन्मूलन किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसके तारतम्य में टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत पंचायत को टीबी बीमारी से मुक्त करने के लिए टीबी मुक्त पंचायत पहल अभियान की शुरुआत जिले में की गई है। इस संबंध में कलेक्टर श्री चंदन कुमार ने निर्देश दिए की टीबी मुक्त पंचायत हेतु स्वास्थ्य विभाग एवं पंचायत विभाग के विशेष समन्वय को ध्यान में रखते हुए जिले एवं विकासखंडों में नोडल अधिकारी नामांकित कर दोनों ही विभाग समन्वय स्थापित कर पंचायत को टीबी मुक्त बनाने का कार्य करेंगे। टीबी मुक्त पंचायत अभियान के संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एमपी महिस्वर ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत 2025 तक देश भर से प्रति लाख 40 या इससे कम केस प्रतिवर्ष हासिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। तात्पर्य है कि इतने प्रकरणों की स्थिति में क्षेत्र टीबी मुक्त माना जाएगा। टीबी उन्मूलन के लिए शासन द्वारा पंचायत के लिए टीबी मुक्त पंचायत बनाने का निर्णय किया गया है। इस कड़ी में जिला टास्क फोर्स की बैठक के साथ-साथ पंचायत विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग से जिला एवं विकासखंड स्तर पर नोडल अधिकारी का नामांकन कर उनका प्रशिक्षण भी आयोजित करवा दिया गया है, तत्पश्चात सभी पांचो विकासखंडों में पंचायत सचिवों की बैठक के माध्यम से इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन की रूपरेखा पर भी विकासखंडों में दिशा निर्देश भी दिए गए हैं। टीबी मुक्त पंचायत अभियान बनाने के संबंध में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डॉ राजेश कुमार अवस्थी के अनुसार इस अभियान में कुल छ प्रकार के सूचकांक सम्मिलित किए गए हैं जिसके आधार पर पंचायत को टीबी मुक्त माना जाएगा । इसमें प्रति हजार की आबादी पर कम से कम 30 संदेहास्पद मरीजों की जांच होनी अनिवार्य है।इसके अतिरिक्त चिन्हित किए गए मरीजों में 85% से अधिक सफलता दर ,सभी मरीजों को निक्ष्य पोषण योजना का लाभ और निश्चय मित्र का निर्माण यह कुछ ऐसे महत्वपूर्ण बिंदु हैं जिनके आधार पर टीबी मुक्त पंचायत की घोषणा की जाएगी।
टीबी मुक्त पंचायत अभियान का मुख्य उद्देश्य है -पंचायती राज संस्थाओं का सशक्तिकरण जिससे कि टीबी की समस्या को बेहतर ढंग से समझकर आकलन किया जा सके, इसकी अतिरिक्त स्थानीय व्यवस्था अनुसार टीबी उन्मूलन की दशा में आवश्यक कदम उठाए जा सके, पंचायत में टीबी उन्मूलन हेतु स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का निर्माण एवं पंचायत में टीबी उन्मूलन में किए गए प्रयासों की सराहना करना। कुल मिलाकर टीबी मुक्त भारत के निर्माण हेतु आवश्यक सामुदायिक सहभागिता का एक प्रयास टीबी मुक्त पंचायत अभियान के रूप में दिखाई पड़ रहा है। नोडल अधिकारी डॉक्टर अवस्थी के अनुसार यदि कोई पंचायत पहली बार टीबी मुक्त होती है तो उसे महात्मा गांधी की कांस्य प्रतिमा से सम्मानित किया जाएगा दूसरे वर्ष में यह उपलब्धि बनी रहती है तो रजत प्रतिमा और तीसरे वर्ष पर या उपलब्धि यदि बनी रहती है तो स्वर्ण रंग की प्रतिमा से पुरस्कृत किया जाएगा यह पुरस्कार प्रतिवर्ष 24 मार्च को जिला कलेक्टर द्वारा योग्य ग्राम पंचायत को 1 वर्ष की वैधता के साथ टीबी मुक्त पंचायत का प्रमाण पत्र जारी होगा। गौरतलब है कि ,टीबी एक संक्रामक रोग है जो हवा के माध्यम से संक्रमित व्यक्ति के छींकने -खाँसने के जरिए स्वस्थ व्यक्ति को हो जाता है । यदि किसी व्यक्ति को लगातार खांसी है, पसीने के साथ रात में हल्का बुखार रहता है,छाती में दर्द है, गाढ़ा पीला बलगम आ रहा है, वजन में कमी हो रही है तो उसे टीबी के लक्षण हो सकते हैं ऐसी स्थिति में मरीज को तत्काल नजदीक के शासकीय स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करके अपना जांच और उपचार करवाना चाहिए टीबी के जांच और उपचार की व्यवस्था पूरी तरह से नि:शुल्क है। मरीज को जांच एवं दवाई के साथ साथ प्रतिमाह 500 रुपये की सहायता राशि भी निश्चय पोषण योजना के माध्यम से प्रदान की जाती है जिससे वह पोषक आहार ले सके।
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