November 21, 2024

KHABAR BHATAPARA

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DAV टिकुलिया भाटापारा में संविधान शिरोमणि डॉ भीमराव अंबेडकर की जन्म जयंती पर संविधान जागरूकता की पहल

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भाटापारा/khabar-bhatapara.in:- विगत 8 वर्षों से विद्यार्थीयो के शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में क्रांतिकारी परिवर्तन सूचक ,व निरंतर विकास के शिखर को छूता एकमात्र शिक्षण संस्थान डीएवी टिकुलिया भाटापारा में संविधान शिरोमणि डॉ बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की जन्म जयंती पर संविधान जागरूकता की अनूठी पहल का आयोजन ।
संघर्ष और सफलता की मिसाल है बाबा साहब का जीवन

डॉ भीमराव अंबेडकर जी का जन्म 14 अप्रैल 1891 को इंदौर के महू नामक गांव में हुआ, दलित जाति से होने के कारण उन्हें बचपन में अनेकों अनेक मुश्किलों का सामना करना पड़ा सामाजिक बहिष्कार अपमान भेदभाव की चुनौतियों का सामना करते हुए उन्होंने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई । सन 1907में मैट्रिकुलेशन पास करने के बाद पहले सिस्टम कॉलेज से सन 1912 में ग्रेजुएट हुए सन 1915 में क्या विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र में एम ए की डिग्री तथा 1917 में पीएचडी की पढ़ाई पूरा किया। उन्होंने 64 विषय में मास्टर की डिग्री प्राप्त की। छुआछूत के खिलाफ व भारत में समानता के लिए उन्होंने कई लेख भी लिखें भारत का राष्ट्रीय अंश भारत में जातियां और उनका मशीनीकरण भारत में लघु कृषि और उनके उपचार ब्रिटिश भारत में साम्राज्यवाद विस्तार विकेंद्रीकरण उद्भव व समाधान बिल्कुल 9 भाषाओं की जानकारी थी 1932 भारत में पूणे समझौता, 1945 में हरिजन का पक्ष ,व 1947 में भी कानून मंत्री बने। सन 1990 में उन्हें भारत का सर्वोच्च सम्मान मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

डीएवी विद्यार्थियों के द्वारा बाबा साहेब की जीवनी पर प्रस्तुत किया गया शानदार व प्रेरणादायक प्रस्तुति

डीएवी के प्रतिभाशाली कक्षा 7 वी के विद्यार्थियों द्वारा डॉ. भीमराव अंबेडकर संघर्ष भरे बचपन से देश और शिक्षा को समर्पित युवावस्था तथा संविधान के निर्माण तक के संघर्ष को “स्वतंत्रता और समानता एक्ट” के द्वारा प्रस्तुत किया गया। कक्षा 9 वी के विद्यार्थियों के द्वारा नागरिकों के सशक्तिकरण व संविधान के प्रति जागरूकता को प्रदर्शित “संविधान जागरूकता एक्ट “ प्रस्तुत किया गया। तथा कक्षा तीसरी व चौथी के विद्यार्थियों द्वारा संविधान के नियमों को दोहराया गया व संविधान जागरूकता के स्लोगन प्रस्तुत किए गए। विद्यार्थियों की सराहनी प्रस्तुति ने डॉ भीमराव अम्बेडकर द्वारा देश को समर्पित विश्व के सबसे बड़े संविधान की महत्ता को उद्धरित कर दिया ।

संविधान धर्मनिरपेक्षता, समानता, और संरक्षण के लिए एक मंच प्रदान करता है। इसने भारतीय समाज को एक गारंटी दी कि हर व्यक्ति को उसके अधिकारों की सुरक्षा और सच्चाई की गरिमा मिलेगी। अंबेडकर का संविधान एक महान कार्य है जो भारतीय समाज को एक संविधानिक और लोकतांत्रिक राष्ट्र के रूप में स्थापित करता है।

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