■ कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण की बैठक
■ जिले में ध्वनि प्रदूषण को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करें :- कलेक्टर शर्मा
■ ध्वनि प्रदूषण न केवल कानों के लिए हानिकारक है, बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य और हृदय संबंधी समस्याओं का कारण भी, इस पर नियंत्रण ज़रूरी कानफोडू डीजे -धुमाल पर कार्रवाई करें:-पुलिस अधीक्षक
बेमेतरा:- khabar-bhatapara.in :- कलेक्टर रणबीर शर्मा ने आज यहां कलेक्ट्रेट के दृष्टि सभाकक्ष में जिला स्तरीय ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण की बैठक ली । बैठक में जिले में ध्वनि प्रदूषण के बढ़ते स्तर को नियंत्रित करने और इसके प्रभावों को कम करने के उपायों पर विस्तार से चर्चा की। कलेक्टर ने बैठक की शुरुआत करते हुए ध्वनि प्रदूषण के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ध्वनि प्रदूषण न केवल कानों के लिए हानिकारक है, बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य और हृदय संबंधी समस्याओं का कारण भी बन सकता है।
बैठक में कलेक्टर ने सभी विभागों को आपसी समन्वय और सहयोग के साथ कार्य करने का आह्वान किया।ताकि जिले में ध्वनि प्रदूषण को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह सभी की जिम्मेदारी है कि हम एक स्वस्थ और शांतिपूर्ण वातावरण सुनिश्चित करें।
कलेक्टर एवं ज़िला दंडाधिकारी श्री रणबीर शर्मा ने कानफोडू डीजे पर माननीय उच्चतम न्यायालय तथा माननीय छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय द्वारा इस विषय पर दिये गये पूर्व के आदेशों का कड़ाई से पालन करने कहा है। ताकि जो ध्वनि प्रदूषण के खतरे के साथ बच्चे – बीमार- बुजुर्गों को कोई परेशानी ना हो। कलेक्टर ने त्यौहारों पर भी तेज ध्वनि से बजाने वाले बजने ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर भी कार्रवाई करने कहा। रात 10 बजे के बाद ध्वनि विस्तारक यंत्रों पर भी कड़ाई से पेश आने को कहा । उन्होंने ज़िले के सभी एसडीएम से भी उचित कार्रवाई करने कहा।
बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री रामकृष्ण साहू ने एएसपी, एसडीओपी और एसएचओ को ज़िले में कानफोडू डीजे -धुमाल(ध्वनि विस्तारक यंत्रों / डीजे तेज ध्वनि) से बजने वाले साउंड पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिये है। डीजे तेज ध्वनि से बजाने वालों के ख़िलाफ़ क़तई रियायत ना बरती जाने कहा गया। बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों, पुलिस, नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया।बैठक में प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई, जिनमें लाउडस्पीकरों का अनियंत्रित उपयोग, वाहनों के हॉर्न और औद्योगिक गतिविधियों से उत्पन्न शोर शामिल थे।
कलेक्टर ने निर्देश दिया कि अस्पताल के आसपास, धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों में ध्वनि सीमा का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने पुलिस विभाग को निर्देशित किया कि वे लाउडस्पीकरों के उपयोग के लिए निर्धारित समय सीमा और ध्वनि सीमा का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करें।
नगरपालिका अधिकारी ने बताया कि शहर के विभिन्न क्षेत्रों में ध्वनि स्तर की नियमित माप की जाएगी और प्रदूषण फैलाने वाले स्रोतों की पहचान कर उन्हें नियंत्रित किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने ध्वनि प्रदूषण के स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में जागरूकता अभियान चलाने की बात कही। बैठक के अंत में कलेक्टर ने सभी विभागों को आपसी समन्वय और सहयोग के साथ कार्य करने का आह्वान किया।ताकि जिले में ध्वनि प्रदूषण को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह सभी की जिम्मेदारी है कि हम एक स्वस्थ और शांतिपूर्ण वातावरण सुनिश्चित करें।
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