November 22, 2024

KHABAR BHATAPARA

छत्तीसगढ़ सबसे तेज-सबसे आगे

शहर के प्रमुख जगहों पर नुक्कड़ नाटक के जरिए दिया गया जागरूकता का संदेश

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बिलासपुर:- khabar-bhatapata.in :- भारत के पूर्व राष्ट्रपति  एपीजे अब्दुल कलाम की स्मृति में राष्ट्रीय सीपीआर सप्ताह मनाया जा रहा है। लगरा में स्थित शासकीय नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्या, शिक्षिकाओं एवं छात्राओं द्वारा नर्सिंग छात्राओं द्वारा रचनात्मक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत कर सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) की तकनीकों से आम नागरिकों को अवगत कराया जा रहा है। कॉलेज की प्राचार्या श्रीमती वर्तिका गौरहा के कुशल मार्गदर्शन एवं कॉलेज में कार्यरत नर्सिंग शिक्षिकाओं के सहयोग से छात्राओं द्वारा अभिवनव नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लगभग 1 हजार से अधिक नागरिको को सीपीआर की जानकारी दिया गया। ज्ञानवर्धक नुक्कड़ नाटक बिलासपुर एवं उस्लापुल रेलवे स्टेशन, मैगनेटो मॉल एवं शहर के प्रमुख सार्वजनिक स्थल, विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में आयोजित किया जा रहा है।
सीपीआर कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन है। यह एक तहर की प्राथमिक चिकित्सा यानी फर्स्ट एड है। जब किसी पीड़ित को सांस लेने में दिक्कत हो या फिर वो सांस न ले पा रहा हो और बेहोश जो जाए तो सीपीआर से उसकी जान बचाई जा सकती है। बिजली का झटका लगने पर, पानी में डूबने पर और दम घुटने पर सीपीआर से पीड़ित को आराम पहुंचाया जा सकता है। दिल का दौरा यानी हार्ट अटैक पड़ने पर तो पीड़ित को सबसे पहले और समय पर सीपीआर दिया जाना चाहिए जिससे पीड़ित के जान बचने की संभावना कई गुना बढ़ जाता है। दिल का दौरा पड़ने से पहले एक घंटे को गोल्डन ऑवर माना जाता है। इसी गोल्डन ऑवर में हम मरीज की जान बचा सकते है। कभी-कभी एम्बुलेंस या मेडिकल सुविधा किसी कारण उपलब्ध नहीं होती है। ऐसे समय में पीड़ित के निकट उपस्थित किसी व्यक्ति के पास सीपीआर की समझ पीड़ित के लिए संजीवनी का काम करती है।


सीपीआर देने की प्रक्रिया-
सीपीआर क्रिया करने से सबसे पहले पीड़ित को किसी ठोस जगह पर लिटा दिया जाता है और प्राथमिक उपचार देने वाला व्यक्ति उसके पास घुटने के बल बैठ जाता है। पीड़ित का नाक और गला चेक कर ये सुनिश्चित किया जाता है। कि उसे सांस लेने में कोई रूकावट तो नहीं है। जीभ अगर पलट गई है तो उसे सही जगह पर उंगलियों के सहारे लाया जाता है। सीपीआर मेें मुख्य रूप से दो काम किए जाते है। पहला-छाती को दबाना और दूसरा-मुंह से सांस देना जिसे माउथ टु माउथ रेस्पिरेशन कहते है।

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