भाटापारा/khabar-bhatapara.in:- भाटापारा अंचल के ग्राम तुरमा में प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी ईशर गवरा महोत्सव बड़े ही धूमधाम से हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। ईशर गवरा महोत्सव के पीछे लगभग 73 वर्षीय श्री बैशाखू छेदैहा से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि उनके पूर्वजों के द्वारा अनवरत काल से इस परंपरा को हमारे गांव में करते आ रहे हैं।ग्राम तुरमा के आदिवासी ध्रुव गोंड समाज के ग्राम प्रमुख (रायपंच) बंशीलाल मरकाम से प्राप्त जानकारी के अनुसार ईशर गवरा महोत्सव वास्तव में आदिवासी समाज परंपरा के मान्यतानुसार गोंडवाना भू-भाग के राजगुरु एवं धर्मगुरू शंभू- गवरा(ईशर-गवरा) के प्रथम विवाह के रूप में मनाया जाता है। प्रत्येक समाज में घर के दूल्हादेव-दुल्हीमाई के रूप में जिनकी पूजा हम करते हैं वह यही ईशर गवरा ही है जिनकी प्रथम दूल्हा दुल्हन के रूप में विवाह करके पूजा होती है।
यह परंपरा आदिवासी समाज में अनंत काल से चली आ रही है जो आज भी अक्षुण्य है।
ईशर गवरा की मिट्टी के रूप में प्रतिमा निर्माण प्रत्येक वर्ष (देवारी) दीपावली के रात्रि में किया जाता है। इसके एक सप्ताह पूर्व गोंड समाज के द्वारा फूल कुचलना अर्थात प्रकृति के सात फूल (पुष्प) और देशी मुर्गी के अंडे को रखकर एक साथ शामिल करके उनकी उपासना की जाती है। अंडे को रखने का भाव यह है जिस प्रकार अंडे से जीव की उत्पत्ति होती है ठीक उसी प्रकार सृजन कर्ता आदि देव की उत्पत्ति प्रकृति के पुष्पों के बीच से हो रही है इस भाव को उत्त्पति सम्बन्धित गीतों का गायन महिलाओं के द्वारा उनकी पूजा करके किया जाता है।
2013-14 में लगभग 3 वर्ष तक लगातार ईसर गौरा महोत्सव ग्राम तुरमा में मनाया गया था। जिस प्रकार युवावस्था होने पर एक युवक और युवती की विवाह किया जाता है ठीक उसी प्रकार शादी(विवाह) महत्व का दर्शन कराते हुए सभी नेंग के साथ में ईशर गवरा की विवाह संपन्न किया जाता है। इस कार्यक्रम में गोंड समाज के समस्त मातृशक्ति,पितृशक्ति, युवा युवती शक्ति,ग्राम प्रमुख (रायपंच) श्री बंशीलाल मरकाम, महिला प्रभाग अध्यक्ष श्रीमती बिमला मरई,युवा प्रभाग अध्यक्ष नरेश कुमार मरई,उपाध्यक्ष रघुवीर मरई,महेत्तर मरई,बैशाखू छेदैहा,रामप्रसाद छेदैहा,राजेंद्र,बीररिंग, बृजलाल,भारत,सुधेराम, मालिकराम सुन्दर सिंह मरई,रमेश,शिवकुमार,भागीरती छेदैहा,छन्नू,भागबली नेताम, ग्राम तुरमा के सरपंच श्री लक्ष्मीनारायण बंजारे, उपसरपंच मिट्ठू लाल पाल, पंच सवाना मरई ग्राम के बड़े बुजुर्ग चिंताराम पाल , विशेष पाल फिरंताराम पाल, नाथूराम यदु, बेदरामराम यदु, मदन निषाद ललित यादव, देउक यादव, प्रेम यादव,भूतपूर्व सरपंच परस मनहरे,उमाशंकर मनहरे एवं ग्राम के समस्त लोगों ने कार्यक्रम की बहुत ही अच्छे सराहना किये।
आदिवासी ध्रुव गोंड समाज खल्लारी महाकालेश्वर महासभा बलौदा बाजार के महासचिव दौलत छेदैहा ने सभी के लिए संदेश देते हुए यही कहा कि अपने संस्कृति एवं अपने समाज के प्रति सभी लोगों को गर्व महसूस करना चाहिए साथ ही साथ अपने परंपरा को हमेशा अक्षुण्य बनाए रखने के लिए हमेशा प्रयास करते रहना चाहिए। एकता में ही ताकत है इस भावना को सभी के बीच में बताते हुए सभी के लिए प्रेम भरा संदेश उन्होंने दिया।
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