भाटापारा/khabar-bhatapara.in:- स्वच्छ स्वर्णिम और सशक्त भारत निर्माण के लिए किसान सशक्तिकरण हेतु शाश्वत यौगिक एवं जैविक खेती संपूर्ण ग्राम विकास का आधार आध्यात्मिकता विषय पर
प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्वविद्यालय भाटापारा के द्वारा किसान सशक्तिकरण अभियान के अंतर्गत धान उपार्जन केन्द्र ग्राम–कोटमी में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।कार्यक्रम का उद्घाटन छत्तीसगढ़ महतारी के स्वागत गीत व द्वीप प्रज्वलन के द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सिंगारपुर सोसायटी के अध्यक्ष–दीनबंधु दुबे, धान खरीदी केंद्र कोटमी प्रभारी–अशोक बांधे,नोडल अधिकारी–सहदेव साहू व ऐश्वर्यसिंह एवं ब्रह्माकुमारीज भाटापारा की मुख्य संचालिका बी.के. मंजू दीदी व बी.के. रामेश्वरी बहन उपस्थित रहे। तत्पश्चात ब्रह्माकुमारी मंजू दीदी ने उपस्थित किसानों को जैविक खेती तथा शाश्वत यौगिक खेती का महत्व बताते हुए जैविक खेती तथा शाश्वत यौगिक खेती करने की सहज विधि से सभी को अवगत कराया गया |
साथ ही साथ जहरीले कीटनाशकों तथा हानिकारक रसायनों के खेती में प्रयोग से होने वाले दुष्प्रभावों से अवगत कराया | उन्होंने यह भी बताया कि वैज्ञानिकों द्वारा किये गए अध्ययन में ये तथ्य सामने आये हैं कि जिन जगहों पर कीटनाशकों का अत्यधिक प्रयोग किया जाता है वहाँ के लोग भयंकर बिमारियों जैसे कि कैंसर,चर्मरोग,अलसर,अस्थमा आदि से अधिक पीड़ित हो रहे हैं | साथ ही यह भी पाया गया है कि इन्ही कृत्रिम दवाईयों व कीटनाशकों के कारण प्राकृतिक कीटनाशक व खाद जैसे कि केचुए, मछली आदि सभी लाभकारी जीव जंतु खेतों से लोप हो गए हैं | यही जीव जंतु खेतों को प्राकृतिक रूप से सुरक्षा प्रदान करते हैं | इसलिए इन सभी बातों से यही निष्कर्ष निकलता है कि हमें अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए यदि अच्छा जीवन चाहिए तो जैविक तथा शाश्वत यौगिक खेती अति आवश्यक है | उन्होंने ये नियम भी पक्का कराया कि हर एक किसान अपने परिवार के लिए कुछ खेतों में जैविक खेती के द्वारा अन्न उपजाए | इसी कड़ी में पधारे अतिथि अध्यक्ष दीनबंधु दुबे जी ने अपने वक्तव्य में कहा पहले समय में हमारे पूर्वजों के टाइम में सब चीजें प्राकृतिक हुआ करती थीं,जैसे–जैसे हमने उत्पादकता में वृद्धि के लिए अनेक पेस्टीसाइड,कीटनाशको का उपयोग करने लगे वैसे–वैसे हमारे जीवन में अनेक बीमारियां भी बढ़ती जा रही है, इसलिए दीदी ने जो बातें बताई हम सब को अनुशरण जरूर करना चाहिए। साथ ही साथ पधारे नोडल अधिकारीयों ने भी जैविक एवं शाश्वत यौगिक खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया। उपस्थित सभी किसान भाई बहनों ने प्रश्न पूछ कर जैविक एवं शाश्वत यौगिक खेती की जानकारी ली इस तरह कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन हुआ।
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