भाटापारा/khabar-bhatapara.in:- चिराग सोशल वेलफेयर सोसायटी द्वारा संचालित लक्ष्यगत हस्तक्षेप परियोजना भाटापारा एवं यूनिसेफ समर्थित छत्तीसगढ़ एलायंस फार बिहैवियर चेन्ज के संयुक्त तत्वावधान् में विश्व स्तनपान सप्ताह 2024 के अवसर पर परियोजना निदेशक मंगल पाण्डेय के मार्गदर्शन में परियोजना कार्यालय भाटापारा में संगोष्ठी आयोजित किया गया । परियोजना प्रबंधक दशोदी सिंह के द्वारा कहा गया कि मां का पहला दूध यानी केलोस्ट्रम,पोषक तत्वों से भरपूर और शिशु के लिए आवश्यक होता है। नवजात को घातक बिमारियों से बचाने के लिए जन्म से एक घण्टे के भीतर यह दूध पिलाना आवश्यक है। स्तनपान के दौरान, मां और शिशु दोनों आक्सीटोसिन नामक हार्मोन का उत्पादन करते हैं,जो तनाव और चिंता को कम करता है। परियोजना निदेशक मंगल पाण्डेय ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिशु की आंत में स्वस्थ बैक्टीरिया का विकास करने में स्तनपान सहायता करता है। जो जीवन भर के लिए बच्चे का मजबूत ईम्यूनो सिस्टम बनाता है। मां के दूध में एंटीबॉडीज होती हैं,जो शिशु को उसके आस-पास फैलने वाले संक्रमणों से लड़ने में मदद करती है। शिशु पहले कुछ दिनों तक अधिक स्तनपान करते हैं। शिशु जितना अधिक दूध पीता है मां का शारीर उतना ही तेजी से दूध का उत्पादन करता है।कई कारणों से स्तनपान बच्चों को नहीं कराने पर बच्चों का सर्वांगीण विकास नहीं होता है। बच्चे देश के भविष्य हैं। चिराग सोशल वेलफेयर सोसायटी के द्वारा पूरे विश्व स्तनपान सप्ताह भर शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्तनपान को प्रोत्साहित करने हेतु जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम को सफल बनाने में अनुश्रवण एवं मूल्यांकन अधिकारी दशोदा साहू, काउन्सलर सुलोचना देवांगन, आउट रीच वर्कर बिंदेश्वरी टंडन, अनिता लहरे, प्रियंका मेश्राम, सतीश गेंदले , लता सोनवानी, सुमन बांधे, श्रद्धा,धनाबाई देवांगन, विप्लव लहरे का सराहनीय योगदान रहा।
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