भाटापारा/khabar-bhatapara.in:- एक और जहां आजकल की युवा पाश्चात्य संस्कृति की ओर आगे बढ़ रहे हैं वही मेहता नगर भाटापारा नगर के युवा कलाकार विलुप्त होती लोक कला आख्यान शैली लोकगाथा भरथरी को जन जन तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।अवसर था उजियार हमर चिन्हारी के एक दिवसीय साहित्यिक सांस्कृतिक आयोजन का जो रायपुर के टिकरापारा स्थित सिद्ध श्री हरदेव लाला मंदिर प्रांगण में 09 नवम्बर 2024 को आयोजित किया गया था।आयोजन तीन अलग अलग सत्र में सम्पन्न हुआ।पहले धान और बांस शिल्पकला की कार्यशाला हुई।दूसरे सत्र में गुरतुर गोठ जिसमे युवा कलाकारों ने स्वरचित काव्यों की प्रस्तुति दी।इसी क्रम में छत्तीसगढ़ के युवा भरथरी कलाकार प्रांजल सिंह राजपूत,योगेश यादव और उनकी लोकरागी संस्था भाटापारा ने विशेष प्रस्तुति के रूप में लोकगाथा भरथरी और लोकगीतों की प्रस्तुति दी।युवा कलाकार द्वारा भरथरी की प्रस्तुति सुन उपस्थित जनसमूह झूम उठे।कार्यक्रम में अतिथियों में लोक साहित्यकार डॉ पीसी लाल यादव,लोकगायिका कविता वासनिक जी , कवि मीर अली जी, फिल्म कलाकार राजू शर्मा जी, वरिष्ठ लोक कलाकार राकेश तिवारी जी साथ ही नामचीन हस्तियों की उपस्थिति रही। सभी अतिथियों ने युवा कलाकार की प्रस्तुति को बहुत सराहा और उज्जवल भविष्य हेतु बधाई और शुभकामनाएं भी दी।प्रांजल सिंह राजपूत से बातचीत से पता चला कि वे लोकगाथा भरथरी का प्रशिक्षण छत्तीसगढ़ की हस्ताक्षर कलाकार रेखा जलक्षत्री जी से लिए है।साथ ही अपने गुरु रेखा जलक्षत्री जी के कई मंचों में उनके साथ प्रस्तुति भी दे चुके है।उनके गुरु के अनुसार प्रांजल सिंह अभी एकलौते युवा कलाकार है जो लोकगाथा भरथरी की प्रस्तुति विभिन्न मंचों में दे रहे हैं।
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