भाटापारा – ‘‘लोकोत्सव भाटापारा की अविरल यात्रा‘‘ नगर के कला एवं साहित्य प्रेमी जनों का एक अनूठा प्रयास जो जनवरी 1992 से प्रारंभ हुआ आज पर्यंत जारी है। लोक उत्सव भाटापारा की अविरल धारा इस वर्ष 31 वां समारोह के रूप में कला एवं साहित्य प्रेमी जनों के लिए समर्पित है। तत्कालीन विधायक नरेंद्र शर्मा, नगर के कलाप्रेमी स्वर्गीय डॉक्टर जितेंद्र आडिल, लोक कला के मर्मज्ञ जीडी मानिकपुरी अधिवक्ता और कला को समर्पित रमेश यदु, अंचल के वरिष्ठ साहित्यकार बलदेव भारती, आर पी पटेल तथा सहयोगियों की एक अनूठी परिकल्पना लोकोत्सव भाटापारा इस वर्ष 4 जून से 6 जून 2022 तक समारोह के रूप में आयोजित हो रहा है जिसमें 4 जून को रंग झरोखा दुष्यंत हरमुख,5 जून को प्रख्यात लोक गायिका कविता वासनिक की अनुराग धारा तथा 6 जून को सुरभारती किरण सक्सेना अंबिकापुर की प्रस्तुतियां होगी। इन 31 वर्षों में लोकोत्सव भाटापारा की अविरल धारा निरंतर जन सहयोग से प्रवाहित हो रही है। कलाकारों, दर्शकों एवं कला प्रेमी जनों का सहयोग तथा छत्तीसगढ़ की विभूतियों का आशीर्वाद ही इसकी सफलता के मूल कारक हैं। अब तक इस लोकोत्सव में छत्तीसगढ़ के विशिष्ट जनप्रतिनिधियों, साहित्यकारों एवं कलाकारों की महत्वपूर्ण उपस्थिति रही है। जनप्रतिनिधियों में तत्कालीन मुख्यमंत्री पंडित श्यामाचरण शुक्ल ,डॉ राजेंद्र दुबे ,स्वर्गीय चंदूलाल चंद्राकर, रमेश बैंस ,सांसद संत कवि स्व. पवन दीवान ,स्वर्गीय डीपी धृतलहरे, सत्यनारायण शर्मा ,राम पुकार सिंह, चरण दास महंत ,जुगल किशोर साहू, तरुण चटर्जी, पूर्व सांसद चंद्रशेखर साहू, साहित्यकारों में स्वर्गीय पंडित श्यामलाल चतुर्वेदी ,स्वर्गीय डॉ विमल कुमार पाठक, डॉ विनय कुमार पाठक ,सत्यभामा आडिल, डॉ निरुपमा शर्मा, रामेश्वर वैष्णव ,स्वर्गीय लक्ष्मण मस्तुरिया, स्वर्गीय दानेश्वर शर्मा, स्वर्गीय डॉक्टर हरि ठाकुर, डॉक्टर पालेश्वर शर्मा ,स्वर्गीय विश्वेंद्र ठाकुर ,डॉ पीसी लाल यादव, स्वर्गीय मुकुंद कौशल ,बलदेव भारती, देवधर महंत ,स्वर्गीय डॉक्टर संतराम साहू, अजय अमृतांशु, लोक कलाकारों में पद्मश्री तीजन बाई ,पद्मश्री ममता चंद्राकर, पद्मश्री अनुज शर्मा, पीआर उरांव ,पं शिवकुमार तिवारी ,रजनी रजक, रामाधार साहू चंदैनी, विष्णु कश्यप, चंदन बांधे, सीमा कौशिक, डॉ विकास अग्रवाल ,अमर श्रीवास, खुमान लाल यादव, खुमान साव, रेखा जल छतरी, रमा दत्त जोशी बहने, हीरा सिंह यादव गरियाबंद, कांशी राम नेवेंद्र चारामा उद् घोषको में स्वर्गीय बरसाती भैया ,केसरी प्रसाद बाजपेई का जीवन भर सहयोग प्राप्त हुआ । साथ में स्वर्गीय जेपी साहू ,रजनी रजक, रघुनाथ प्रसाद पटेल, सुमन शर्मा, वीणा साहू का अमूल्य सहयोग, मार्गदर्शन एवं आशीर्वाद प्राप्त हुआ । इतने बड़े आयोजन के लिए विभिन्न समितियां हैं जो पूरी मुस्तैदी के साथ कार्यों का संपादन करती हैं। इन बीते 30 वर्षों में प्रतिदिन मंच से अतिथियों के साथ सभी कला मंच को सम्मानित किया जाता है साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में जैसे शिक्षा साहित्य, कला, व्यापार, चिकित्सा ,समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को भी मंच से सम्मानित किया जाता है । छत्तीसगढ़ी लोककला मंच के गठन का मूल उद्देश्य छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति को अक्षुण्ण बनाए रखने हेतु प्रदेश के कलाकारों, कला मंचों की प्रतिभा को जनमानस के बीच प्रस्तुत कराना ताकि उन्हें समाज से यथोचित सम्मान प्राप्त हो सके । मंच लोक कला ,लोक संस्कृति के उन्नयन के लिए कृत संकल्पित है। यह मंच छत्तीसगढ़ की संस्कृति में फूहड़ता और अश्लीलता को हमेशा ही नकारा है ।31 वे वर्ष में छत्तीसगढ़ी लोककला मंच भाटापारा कामना करता है कि आप सभी कला एवं साहित्य प्रेमी जनों का सहयोग, आशीर्वाद एवं स्नेह पल पल इस मंच को मिलता रहे। यह मंच पुष्पित, पल्लवित तथा सुरभित रहे ।
Advertisements
Advertisements
Advertisements
Advertisements
छत्तीसगढ आज
उपमुख्यमंत्री अरुण साव कोरबा में आयोजित विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस संगोष्ठी में हुए शामिल
एसडीएम रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार, एंटी करप्शन की बड़ी कार्यवाही
कलेक्टर ने किसानों एवं विभिन्न कृषक संगठनों से चर्चा कर खेती किसानी कार्य में हो रही समस्याओं के बारे में ली जानकारी