December 3, 2024

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महासमुंद :- पत्रकार गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित मचेवा द्वारा पंजीयन के पूर्व दिए गए जानकारी निकली झूठ…पत्रकार गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित मचेवा द्वारा पंजीयन के पूर्व दिए गए जानकारी निकली झूठ…

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पत्रकार गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित मचेवा द्वारा पंजीयन के पूर्व दिए गए जानकारी निकली झूठ…

सूचना के अधिकार से उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं के जांच में हुआ खुलासा…

महासमुंद। शासन प्रशासन से जमीन हथियाने के लिए जिस पत्रकार गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित मचेवा द्वारा पशु चिकित्सा विभाग के रिटायर्ड अधिकारी, वकील, एल आई सी एजेंट, पार्षद, व्यवसायी और गृहिणियों का धंधा पत्रकारिता होने की झूठी जानकारी देकर पंजीयन कराने की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधियों द्वारा की गई शिकायत पर उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं की जांच में झूठी जानकारी देकर पंजीयन कराने की पुष्टि हुई है। साथ ही पत्रकार गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित मचेवा के पंजीयन के पूर्व जो अधिनियम, नियम का पालन किया जाना था उन सभी नियमों को पालन किया जाना था। लेकिन नियमों को ताक पर रख कर पंजीयन कराया गया था। उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं की जांच में बहुत सी खामियां पाई गई है। जांच अधिकारी ने कार्रवाई के लिए उप पंजीयक श्री तिग्गा को जांच प्रतिवेदन सौंपा है।

पत्रकार गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित मचेवा के नाम पर 2020 में पंजीयन कराया गया था। पंजीयन के पूर्व समिति के पदाधिकारियों ने पशु चिकित्सा विभाग के रिटायर्ड अधिकारी, अधिवक्ता, पार्षद, एल आई सी एजेंट, व्यापारी और गृहणियों का धंधा पत्रकारिता होना बताया गया था। इसके अलावा यह भी बताया गया था कि समिति का कार्य क्षेत्र मचेवा तक सीमित होगा। यहीं नहीं पंजीयन में यह दर्शाया गया कि, इस समिति के सदस्य मचेवा निवासी होंगे। लेकिन इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधियों द्वारा झूठी जानकारी देकर पंजीयन कराने की शिकायत उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं महासमुंद से करने के बाद उप पंजीयक ने शिकायत की जांच के लिए विस्तार अधिकारी अनिश कुमार दीवाना को जांच अधिकारी नियुक्त किया। पत्रकार गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित मचेवा के जांच करने पर बहुत से चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। जिसका खुलासा सूचना के अधिकार के तहत मिले जांच प्रतिवेदन से हुआ है। उप पंजीयक को जो जांच प्रतिवेदन जांच अधिकारी अनिश कुमार दीवाना ने जांच प्रतिवेदन सौंपा है। उस अभिमत में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि जांच के तथ्यों में प्रमुख रूप से उल्लेखनीय है कि पत्रकार गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित मचेवा पंजीयन क्रमांक 823 के उपविधि क्रमांक 01 में स्पष्ट रूप से प्रावधानित है कि इस संस्था का कार्यक्षेत्र ग्राम पंचायत मचेवा तक सीमित होगा। साथ ही यह भी छ.ग. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 2 (ख-ग) में ” कार्यक्षेत्र ” से अभिप्रेत है वह क्षेत्र जहां से सदस्यता दी जाती है, या जैसे कि सोसायटी की उपविधि में विर्निदिष्ट है। जांच अधिकारी ने अभिमत में यह भी लिखा है कि इस प्रतिवेदन के बिंदु क्रमांक (2) में जांच के दौरान यह पाया गया है कि पत्रकार गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित मचेवा के पंजीयन के समय प्रस्तुत विहित प्रारूप “क” के काॅलम 07 में सभी 27 प्रवर्तक सदस्यों के निवास के पते अंकित है और यह भी स्पष्ट है कि उक्त 27 में से मात्र तीन सदस्य आनंद राम साहू, अजय पांडेय, विपिन कुमार दुबे के ही पते ग्राम पंचायत मचेवा के क्षेत्र के अंतर्गत है। अर्थात संस्था के कार्यक्षेत्र के हैं। शेष सभी 24 प्रवर्तक सदस्यों के निवास के पते ग्राम पंचायत मचेवा (संस्था – कार्यक्षेत्र) के क्षेत्र से बाहर के हैं। इससे यह स्पष्ट है कि उक्त संस्था के पंजीयन के समय केवल 3 सदस्य ही ऐसे थे जो उक्त संस्था के सदस्य बनने के लिए पात्र थे। और शेष 24 प्रवर्तक सदस्य उक्त संस्था पत्रकार गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित मचेवा के सदस्य बनने के लिए पात्र ही नहीं थे। क्योंकि संस्था के कार्यक्षेत्र के निवासी व्यक्तियों को ही संबंधित समिति की सदस्यता की पात्रता होती है। साथ ही किसी भी सहकारी समिति के पंजीयन के लिए “न्यूनतम बीस पात्र सदस्य” (अधिनियम, संशोधन अक्टूबर 2020 के पूर्व) तथा वर्तमान में “न्यूनतम 10 पात्र सदस्य” अनिवार्य होते हैं, और यहां यह भी स्पष्ट है कि पत्रकार गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित मचेवा पंजीयन क्रमांक 823 के पंजीयन के समय लागू छ.ग. सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 6 के अनुरूप अनिवार्य 20 पात्र सदस्य मौजूद नहीं थे। अतः तत्समय ही उक्त सहकारी समिति पंजीकृत होने योग्य नहीं थी। जांच अधिकारी ने अभिमत दिया है कि जांच के दौरान संस्था के अध्यक्ष द्वारा अपने जवाब में शिकायत के इस बिंदु के संबंध में कोई संतोषजनक व समाधान कारक साक्ष्य, पक्ष समर्थन प्रस्तुत नहीं किया गया। जांच अधिकारी ने यह भी अभिमत दिया है कि अतः यह स्पष्ट है कि पत्रकार गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित मचेवा के पंजीयन के समय भी न्यूनतम 20 सदस्य मौजूद, उपलब्ध नहीं थे, और जांच के दौरान भी उक्त समिति में न्यूनतम 20 पात्र सदस्य उपलब्ध नहीं पाये गये। उपरोक्त आधार पर पत्रकार गृह निर्माण सहकारी समिति मर्यादित मचेवा पंजीयन क्रमांक 823 के पंजीयन के समय से लेकर अबतक समिति के गठन, पंजीयन हेतु आवश्यक, न्यूनतम 20 पात्र सदस्य उपलब्ध नहीं होने के कारण इस संस्था के संबंध में आवश्यक कार्यवाही पर विचार करने की अनुशंसा की जाती है। अब देखना यह है कि उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं महासमुंद द्वारा उक्त समिति पर क्या कार्यवाही करते हैं?

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