November 13, 2025

KHABAR BHATAPARA

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“रजत महोत्सव राज्योत्सव 2025” के द्वितीय दिवस पर ‘लोकरागी भरथरी’ ने मचा दिया समां, गूँज उठा शिल्पग्राम मंच छत्तीसगढ़ी लोकसुरों से

छत्तीसगढ़/khabar-bhatapara.in:- नया रायपुर, शिल्पग्राम — “रजत महोत्सव राज्योत्सव 2025” के द्वितीय दिवस पर आज शिल्पग्राम मंच पर ‘लोकरागी भरथरी’ दल ने ऐसा सांस्कृतिक जादू बिखेरा कि पूरा वातावरण छत्तीसगढ़ी लोकसुरों से गुंजायमान हो उठा। कार्यक्रम की शुरुआत से अंत तक दर्शकों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। न केवल लोग तालियाँ बजा रहे थे, बल्कि कई दर्शक कलाकारों के साथ गुनगुनाते और झूमते हुए नजर आएं — मानो पूरा शिल्पग्राम एक सुर में बँध गया हो।

इस अवसर पर युवा भरथरी कलाकार प्रांजल सिंह राजपूत के नेतृत्व में टीम के अन्य प्रतिभाशाली कलाकार — मयंक साहू, नीतीश यादव, दुष्यंत निषाद, ओमप्रकाश वर्मा, घनाराम सिन्हा, केतन साहू, मंजू साहू, तर्पण साहू और लोकेश साहू ने मिलकर ऐसी प्रस्तुति दी, जिसने दर्शकों को छत्तीसगढ़ी लोकसंस्कृति की आत्मा से जोड़ दिया।

विशेष रूप से मयंक साहू के तालवाद्य (तबला) पर दिए गए सटीक और ऊर्जावान बोलों ने कार्यक्रम में जान फूंक दी। हर एक ठेका और हर लय पर दर्शकों की तालियाँ थमने का नाम नहीं ले रही थीं।

दर्शक चंद्रकांत साहू, जो उस समय मंच के सामने उपस्थित थे, ने बताया — “जनता पूरे जोश में थी, हर कोई कार्यक्रम का आनंद ले रहा था। भरथरी की यह प्रस्तुति हमें हमारे गाँव और संस्कृति की याद दिला गई। इतने युवा कलाकारों द्वारा इतनी गहराई से लोकविधा को जीना वास्तव में प्रेरणादायक है।”

“भरथरी” जैसी प्राचीन लोकविधा, जो आज विलुप्ति की कगार पर है, उसे इस तरह युवा कलाकारों द्वारा पुनर्जीवित करना सच में सराहनीय पहल है।
‘लोकरागी भरथरी’ दल ने यह सिद्ध कर दिया कि यदि लगन और लोक के प्रति प्रेम हो, तो परंपराएँ कभी मुरझाती नहीं — वे बस नए रूप में खिल उठती हैं।

इस शानदार प्रस्तुति ने “रजत महोत्सव राज्योत्सव 2025” के द्वितीय दिवस को अविस्मरणीय बना दिया और छत्तीसगढ़ की धरती पर फिर से लोकगान की गूंज भर दी।

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